2014 के 75 वादे अधूरे छोड़कर भाजपा ने फिर छोड़े 150 जुमले, लोग नहीं आएंगे बहकावे में – दुष्यंत चौटाला
सत्यखबर चंडीगढ़, (ब्यूरो रिपोर्ट) – जननायक जनता पार्टी ने भाजपा के घोषणापत्र को 2014 के अधूरे वादों को दोहराने, भाजपा सरकार की विफलताओं की स्वीकारोक्ति और लोगों को झूठे ख्वाब दिखाने वाला दस्तावेज बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत चौटाला ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा के 2014 के चुनावी घोषणापत्र में 75 से ज्यादा वादे आज तक अधूरे हैं जिनमें से कई को 2019 के घोषणापत्र में भी शामिल किया गया है।
भाजपा के घोषणापत्र को पढकर दुष्यंत ने हरियाणवी लहजे में कहा कि भाजपा का हाल कुछ ऐसा है कि एक परीक्षा से लौटे एक बच्चे से पिता ने पूछा कि कैसा हुआ पेपर, जिस पर बेटे ने कहा कि लठ गाड़ आया। लेकिन बच्चा फेल हो गया। अगले साल पेपर देकर आने पर बेटे ने फिर से कहा कि लठ गाड़ आया। पिता ने अपने सिर पर हाथ मारकर कहा, वो पिछले साल जो लठ गाड्डा था, वो तो उखाड़ लेता पहले।
दुष्यंत ने पूरे भाजपा घोषणापत्र का अध्ययन कर इसमें लगभग 25 विसंगतियां गिनवाई और कहा कि लगभग इतनी ही बातें और हैं जो इस घोषणापत्र को जुमलापत्र बनाती हैं।
दुष्यंत चौटाला के अनुसार भाजपा घोषणापत्र में विसंगतियां इस प्रकार हैं
1 5000 करोड़ ब्याज माफी की चुनावी घोषणा को अगले 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य, जबकि 2 महीने पहले हरियाणा सरकार ने घोषणा कर दी थी कि माफ कर दिया।
2 किसानों को राज्य सरकार द्वारा 6 हजार रुपये सालाना देने पर यू टर्न। घोषणापत्र में लिखा गया है कि इस राशि को योजनाओं पर खर्च किया जाएगा और अगर कुछ बचा तो किसानों के खाते में डाला जाएगा।
3 भाजपा ने 2014 की तरह फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का इरादा जाहिर किया है। यानी भाजपा ने मान लिया कि एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही इसीलिए फिर से लक्ष्य रखा गया है।
4 किसानों के लिए आफत बन चुकी ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ योजना की नकेल सभी किसानों और सभी फसलों पर कसने का इरादा जाहिर किया है जबकि इन्हीं दिनों बहुत से किसान इस फरमान की वजह से परेशान हो रहे हैं।
5 मंडी में आई फसलों का बीमा करेंगे, लेकिन यह नहीं बताया गया कि प्रीमियम कौन देगा। क्या निजी कम्पनियों का कारोबार और बढ़ाने के लिए किसानों के खातों से और पैसे काटेगी सरकार ?
6 SYL नहर पर गोलमोल बात की गई है। केंद्र में सरकार होने के बावजूद स्पष्ट वादा नहीं, यानी नीयत में खोट है।
7 हांसी-बुटाना लिंक नहर का जिक्र ही नहीं है।
8 दुधारू पशुओं का बीमा करने का वादा है जबकि 2014 में भी यही वादा किया गया था।
9 आउटसोर्सिंग को लेकर सिर्फ डीसी रेट दिलवाने का लक्ष्य रखा गया है। यानी ठेकेदारी प्रथा जारी रहेगी और आज के दिन डीसी रेट तक ना मिल पाने की बात स्वीकारी गई है।
10 सरकारी नौकरियों की परीक्षा से पहले कॉमन पात्रता परीक्षा लेने का वादा। यानी HTET की तरह एक और परीक्षा। युवाओं से पैसे वसूलने और बसों में धक्के खिलवाने, जान गंवाने का एक और इंतज़ाम करना चाहती है भाजपा।
11 95% से ज्यादा स्थानीय रोजगार देने वाली कम्पनियों को लाभ देने का अव्यवहारिक वादा। भाजपा स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलवाने के लिए कारगर कदम उठाने से साफ बच रही है। हरियाणा के युवाओं के प्रति नीयत आगे भी खराब रखने का वादा कर दिया गया है।
12 हर गांव में खेल स्टेडियम और कोच की नियुक्ति कर 2014 का वादा फिर से दोहराया गया है।
13 महिलाओं और बच्चों को एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है जबकि हकीकत ये है कि भाजपा राज में हरियाणा महिलाओं और बच्चों में खून की कमी में देश में नंबर वन पर आ गया है।
14 छात्राओं के लिए विशेष बसें चलाने का वादा भी 2014 के घोषणापत्र में था जो पूरी तरह अनछुआ है।
15 पुलिस विभाग में महिलाओं की संख्या बढ़ाने का वादा किया गया है। 2014 में यह संख्या दोगुनी करने का वादा किया था, वो पूरा नहीं हुआ तो अब संख्या सिर्फ ‘बढ़ाने’ का वादा आया है।
16 महिला हॉस्टल और पिंक बस सेवा के साथ ‘आवश्यकता अनुसार’ लिखा गया है यानी यह एक गोलमोल वादा है जिसमें यह स्पष्ट नहीं कि कहां और कितने हॉस्टल और बसें दी जाएंगी।
17 पेन्शन को महंगाई अनुसार यानी साल में 3-5% बढ़ाने का वादा किया गया है। इस हिसाब से पेन्शन में सालाना अधिकतम 100 रुपयों की बढ़ोतरी होगी। भाजपा का बस चला तो बुजुर्गों और विधवा, विकलांगों को सालाना 200 रुपये बढ़ोतरी से भी हाथ धोना पड़ेगा।
18 सरकारी नौकरियों में एससी और ओबीसी का बैकलॉग पूरा करने का वादा 2014 में भी किया गया था और यही एक बार फिर कहा गया है, जबकि 5 साल में इस दिशा में एक भी कदम नहीं उठाया गया।
19 गांव की आबादी में ठेका नहीं – भाजपा ने जेजेपी की घोषणा तो चुरा ली लेकिन आधी अधूरी। आबादी से बाहर यानी क्या गांव से 100-200 मीटर दूर ठेके चलते रहेंगे ?
20 बच्चों के लिए विशेष अस्पताल का वादा भी 2014 के घोषणापत्र में था और इस बार भी है। लिखा गया था कि हर विधानसभा क्षेत्र में बच्चों और बुजुर्गों के लिए अस्पताल बनाएंगे, लेकिन बना एक भी नहीं।
21 कैंसर रोगियों के लिए मुफ्त बस यात्रा देने की बात कहकर उनके जख्मों पर नमक छिड़का गया है। क्या ऐसे मजबूर लोगों के इलाज के लिए सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं ?
22 प्रत्येक गांव में 24 घंटे बिजली देने का फिर से वादा। यही 2014 में भी किया गया था लेकिन आज भी गांवों और शहरों में लम्बे लम्बे कट लगते हैं।
23 स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट कस्बे बनाने की बात कही गई है, जबकि स्मार्ट सिटी हरियाणा या देश में एक भी नहीं बनी, और भाजपाई एक अधूरे वादे को आधार बनाकर नया सपना दिखा रहे हैं।
24 हर गांव में बस सेवा – इस वादे में ‘सरकारी’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है यानी इरादा निजी बसें चलाने का हो सकता है। 2019 में बसों की संख्या 2014 से भी कम है और भाजपा सरकार को जोर निजीकरण पर रहा है।
25 सरकारी लैंड बैंक की स्थापना करने की बात कही गई है जबकि खट्टर सरकार ने इस दिशा में आधी अधूरी कोशिश पहले भी की थी जो पूरी तरह विफल रही। इस योजना पर किए गए खर्च से फायदा क्या हुआ, यह कभी नहीं बताया गया।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इसके अलावा भी 20-25 अन्य ऐसी घोषणाएं की गई हैं जो पहले से चल रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भाजपा नेताओं ने झूठ बोलने का रिकॉर्ड अपनी पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज में भी कायम रखा है लेकिन लोग अब इनके बहकावे में नहीं आएंगे।